कोरोना की कहानी……सफर जारी
फिर आता है 2019 का नवंबर का महीना, जब शायद पहली बार पूरी दुनिया ने चीन में बनाए गए corona virus या covid-19 के बारे में सुना था। उस समय तक हमें यही लगता था कि कहाँ चीन china और कहाँ भारत india, ये वायरस इतनी दूरी तय करके थोड़े हमारे पास आएगा।हम सुन रहे थे कि ये वायरस बहुत तेजी के साथ दूसरे देशों में भी फैल रहा है पर फिर भी हम निश्चिंत होकर अपने घरों में बैठे थे।
साल 2020 के जनवरी में पहला कोरोना केस आया-
साल 2020 के जनवरी महीने में केरल में कोरोना covid-19 का पहला केस सामने आया,तब हमें हल्का-सा डर लगा कि ” अरे!!!! ये वायरस तो भारत में प्रवेश कर गया ” फिर शुरू हुआ corona लक्षण और कारण के सामने आने का सिलसिला, तब यही बोला गया कि ये कोरोना वायरस india में अंतरराष्ट्रीय विमान से विदेशों से आए यात्रियों से प्रवेश किया है।
मोबाइल के रिंगटोन में खांसी की आवाज़–
साल 2020 के जनवरी में भारत में कोरोना का पहला मामला आने के बाद ये वायरस अपना पैर दूसरे राज्यों में भी फैलाने लगा। तब हमारी मोदी सरकार ने बहुत जागरूकता और तत्परता से काम लिया, जब भी हम मोबाइल से किसी को कॉल लगाते तो रिंग की जगह ” खांसी ” की आवाज़ आती और कोरोना के लक्षण,कारण और बचाव के बारे में मैसेज दिया जाता,ताकि हिन्दुस्तान की जनता सावधान हो जाए इस वायरस से।
2020 के मार्च में लगा देश का पहला लॉकडाउन–
अभी तक हमने सिर्फ सुना था ” लॉकडाउन ” जैसे शब्द के बारे में, वो भी ये कि अमेरिका america(US) , इटली , ब्राजिल आदि देशों ने लगाया ‘ लॉकडाउन ‘ , पर सोचा न था भारत की 130 करोड़ की आबादी भी यह दहशत झेलेगी। मार्च में लगे ” जनता कर्फ्यू ” और फिर Lockdown ने हमारी पूरी जिन्दगी ही बदल दी.,जो आजतक जारी है। इस लॉकडाउन में भारत india ने देखी सूनी सड़के,खामोश गलियाँ,सुनसान घर के गेट की ताला लटकी तस्वीर को…राहों पर बस धूल ही उड़ती दिख रही थी…सड़कों पर भटकने वाले जानवर भूख के मारे मर रहे थे,कुत्ते रात की जगह दिन में ही चिल्ला चिल्ला कर रो रहे थे…सब बहुत खौफनाक था। लोग अपनी आर्थिक समस्या को अपनी सजा मानकर स्वीकार कर रहे थे.,घरेलू अपराध भी बढ़ते जा रहे थे…कहीं कुछ भी ठीक नहीं था।
Lockdown 1,2,3 के बाद unlock का सिलसिला शुरू हुआ और धीरे धीरे lockdown का ताला unlock की चाभी से खुलना शुरू हुआ।जनजीवन धीरे धीरे सामान्य हो रहा था…पर इस सबमें वायरस के कारण मौत के आकड़ों से नजर नहीं फेर सकते हैं…ऐसा लगता था कि भारत के हर घर में कोरोना से मौत हो रही है,चारों तरफ भागते एम्बुलेंस का सॉयरन “मौत की आवाज” बन गया था।
कोरोना अपना रूप बदलता गया पर समस्या वही रही, मतलब बेरोजगारी, मंदी, घाटा, नुकसान का दौर आजतक जारी है। समाज,देश के हर तबके को ये परेशानी आजतक मिल रही है।
उम्मीद करती हूँ “ओमिक्रोन”
omicron
अंतिम चरण हो कोरोना वायरस का,इसके बाद दुबारा ये दानव कभी अपना सिर न उठाए…हमारे देश में।
—— अनुगुंजा
